19.5.16

IAS छोड़ स्टार्टअप बने शख्स को मात्र 3 महीने में बड़ी सफलता, 'अनएकेडमी' को मिले निवेशक

इसी साल जनवरी में स्थापित अनएकेडमी ने  महज कुछ महीनों के अंदर ही फंडिंग जुटाने में सफल रही है। अनएकेडमी अपनी स्थापना के वक्त से ही काफी चर्चा रही, क्योंकि तब जबलपुर जिले के असिसटेंट कलेक्टर और काफी कम उम्र में ही IAS जैसी मुश्किल परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले डॉक्टर रोमन सैनी ने महज एक साल की नौकरी के बाद इस्तीफा दे दिया था और शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की सोच के साथ अनएकेडमी के को-फाउंडर बने थे। मुफ्त ऑन लाइन शिक्षा देने वाली एडुकेशनल प्लेटफॉर्म अनएकेडमी को और आगे ले जाकर उम्दा बनाने की कोशिशों के तहत फंडिंग हासिल हुआ है। 


IAS छोड़ स्टार्टअप बने शख्स को मात्र 3 महीने में बड़ी सफलता, 'अनएकेडमी' को मिले निवेशक



अनएकेडमी के को-फाउंडर और सीईओ गौरव मुंजाल ने कहा, 

"पढ़ने और सीखने वालों के लिए अनएकेडमी बहुत ही मददगार प्लेटफॉर्म साबित हो रहा है। यहां स्टूडेंट्स ना सिर्फ नई चीजों को सीख सकते हैं बल्कि अपने प्रोग्रेस के बारे में भी जान सकते हैं।"

पहले दौर की फंडिंग में ब्लूम वेंचर्स (Blume Ventures) लीड इंवेस्टर कंपनी बनी जबकि गूगल के रंजन आनंदन, कॉमन फ्लोर के सुमित जैन, टैक्सी फॉर श्योर के अप्रेम्या राधाकृष्णा, फ्लिप कार्ट के साथ काम कर चुके सुजीत कुमार के अलावा रेड बस के फनिंद्र सामा ने भी भागीदारी की। कंपनी द्वारा जारी किए गए स्टेटमेंट के मुताबिक फंडिंग से करीब $500,000 (3.3 करोड़ रुपए) की राशी जुटाई गई है। इस फंडिंग से प्लेटफॉर्म को और मजबूत बनाने के साथ-साथ इसके स्केलिंग में मदद मिलेगी।

ब्लूम वेंचर्स के मैनेजिंग पार्टनर कार्तिक रैड्डी के मुताबिक, 

"अनएकेडमी इसके टीम भावना और सोच की अभिव्यक्ति है। ये प्लेटफॉर्म सही मायनों में कोर्स मटेरियल्स को और मजेदार तरीके से तैयार करने और इसे लोगों तक पहुंचाने में एक क्रांतिकारी सोच पर काम कर रही है जिससे कि ये सभी के लिए उपलब्ध हो।"

जनवरी 2016 में Unacademy.in की स्थापना से पहले ही अनएकेडमी के यू-ट्यूब चैनल ने काफी धूम मचाया था। अनएकेडमी के यू-ट्यूब चैनल पर 1.5 करोड़ से भी ज्यादा विजिटर्स ने मुफ्त में अनएकेडमी के द्वारा बनाए गए कोर्सेस को देखा है। इस प्लेटफॉर्म पर 1500 से भी ज्यादा कोर्सेस के ट्यूटोरियल मौजूद हैं। इनमें नई-नई भाषा सीखने से लेकर सरकारी नौकरी में सफलता हासिल करने वाले ट्यूटोरियल शामिल हैं। 

अनएकेडमी के को-फाउंडर हिमेश सिंह के मुताबिक, 

"कई ऐसे लोगों ने भी कोर्स मटीरियल तैयार किए हैं जिन्होंने पहले कभी ऐसा करने के बारे में सोचा भी नहीं और उनके कोर्स पर लोगों के द्वारा मिले जबरदस्त रिसपॉन्स से वो अभिभूत हैं। हाल ही में किरण बेदी ने अनएकेडमी के लिए टाईम मैनेजमेंट एंव प्रोडक्टिविटी पर एक कोर्स बनाया है जिसे काफी बेहतरीन रिसपॉन्स मिला है।"

एक और को-फाउंडर सचिन गुप्ता के मुताबिक, 

"अनएकेडमी की योजना कोर्सेस को छोटे-छोटे हिस्से में बांटकर एडूकेटर्स और इन्नोवेटर्स को एक ऐसा प्लेटफॉर्म देना है जिसकी मदद से कोर्सेस को और मजेदार बनाया जा सके और इसके बाद छात्रों के लिए Unacademy.in पर नि:शुल्क मुहैया कराया जा सके।"

Share this

Related Post

0 Comment to "IAS छोड़ स्टार्टअप बने शख्स को मात्र 3 महीने में बड़ी सफलता, 'अनएकेडमी' को मिले निवेशक"

Post a Comment