सेल्यूट टू मैन, गुजारा करने को कभी लंदन में दूध बांटता था। आज विमान कंपनियों का मालिक है और 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार चलाता है। पढ़िए सफलता की कहानी।

ये सक्सेस पर्सन हैं, पंजाब में रोपड़ जिले में नूरपुरबेदी के गांव लालपुरा के अजयवीर सिंह। आज उनके पास 4 हेलिकॉप्टर हैं। उनकी दो कंपनियां हैं-ढिल्लों एविएशन और एयरकिंग चार्टर्ज। कारोबार सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का है। 4 प्रशंसा पत्र मिल चुके हैं।
जीएनडीयू अमृतसर से बीटेक कम्प्यूटर की डिग्री लेने के बाद अजयवीर आगे की पढ़ाई के लिए लंदन गए तो वहां खर्च निकालने के लिए घरों में दूध की बोतलें और अखबार बांटने लगे। सुबह साइकिल पर ये काम करते, दिन में पढ़ाई। खर्चे बढ़े तो घर बनाने वाले ठेकेदार के पास लग गए। वहां कई घंटे दीवार की ईंटे तोड़ते। एमबीए मार्केटिंग करके दो साल बाद लौट आए।
अजयवीर को शुरू से कुछ अलग करने की जिद थी। पिता अमृतसर में एसएसपी थे। चाचा हरबंस सिंह ने भाई की शादी में दिल्ली से 5 लाख के किराए पर हेलिकॉप्टर मंगाया। कपूरथला में हुई इस शादी के हर तरफ चर्चे थे। उन्होंने तभी ठान लिया कि एविएशन इंडस्ट्री ही उनकी मंजिल है।
अजयवीर बताते हैं कि एविएशन इंडस्ट्री की लाइन आसान नहीं थी। शुरू के दिनों में तो 18 -18 घंटे काम किया। जिस भी बड़े घराने की शादी होती तो रेफरेंस जुटाते। बात करते। एक हेलिकॉप्टर से काम शुरू किया। काम मिलने लगा। इलेक्शन में या सेंट्रल मिनिस्टर वगैरह आते तो डिमांड बढ़ी। आज उनके पास 4 हेलिकॉप्टर हैं।
अजय बताते हैं ज्यादा खुशी उस दिन मिली जब उन्हें छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित एरिया में सेवाएं देने के लिए चुना गया। 8-8 घंटे दफ्तरों के बाहर बारी का इंतजार किया। कई बार हमारी फाइल रिजेक्ट हुई। छत्तीसगढ़ में भारतीय पायलट यह कहकर छोड़ गया कि जान नहीं देनी। फिर ऑस्ट्रेलिया के आर्मी से रिटायर्ड कैप्टन ने जिम्मा संभाला।
अजयवीर बताते हैं कि अब तो संवेदनशील एरिया में सर्च के लिए सीआरपीएफ भी सेवाएं लेती है। आरबीआई के कुछ ऑपरेशन में उनकी कंपनी हायर की जा चुकी है। 2012 में नॉर्थ इंडिया में 15000 किलोमीटर एरिया में जापान की कंपनी से मिलकर हाइटेंशन वायर में गड़बड़ी ढूंढ़ने का सर्वे भी बखूबी कर चुके हैं।
फैमिली के बारे में अजय कहते हैं कि वह सदा अनुशासनहीन रहे हैं। शादी के बाद वाइफ जिनिया सिंह ने संभाला। वह न होती तो काम पर फोकस न कर पाते। उनकी दो बेटियां हैं- 7 साल की बाणी सुखअमृत कौर और 4 साल की अमरीन अमृत कौर। पिता इकबाल सिंह लालपुरा पुलिस में रहे हैं। मम्मी हरदीप कौर हाउस वाइफ है। वह फैमिली के साथ दिल्ली में रहते हैं पर महीने में गांव जरूर आते हैं।
ये सक्सेस पर्सन हैं, पंजाब में रोपड़ जिले में नूरपुरबेदी के गांव लालपुरा के अजयवीर सिंह। आज उनके पास 4 हेलिकॉप्टर हैं। उनकी दो कंपनियां हैं-ढिल्लों एविएशन और एयरकिंग चार्टर्ज। कारोबार सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का है। 4 प्रशंसा पत्र मिल चुके हैं।
जीएनडीयू अमृतसर से बीटेक कम्प्यूटर की डिग्री लेने के बाद अजयवीर आगे की पढ़ाई के लिए लंदन गए तो वहां खर्च निकालने के लिए घरों में दूध की बोतलें और अखबार बांटने लगे। सुबह साइकिल पर ये काम करते, दिन में पढ़ाई। खर्चे बढ़े तो घर बनाने वाले ठेकेदार के पास लग गए। वहां कई घंटे दीवार की ईंटे तोड़ते। एमबीए मार्केटिंग करके दो साल बाद लौट आए।
अजयवीर को शुरू से कुछ अलग करने की जिद थी। पिता अमृतसर में एसएसपी थे। चाचा हरबंस सिंह ने भाई की शादी में दिल्ली से 5 लाख के किराए पर हेलिकॉप्टर मंगाया। कपूरथला में हुई इस शादी के हर तरफ चर्चे थे। उन्होंने तभी ठान लिया कि एविएशन इंडस्ट्री ही उनकी मंजिल है।
अजयवीर बताते हैं कि एविएशन इंडस्ट्री की लाइन आसान नहीं थी। शुरू के दिनों में तो 18 -18 घंटे काम किया। जिस भी बड़े घराने की शादी होती तो रेफरेंस जुटाते। बात करते। एक हेलिकॉप्टर से काम शुरू किया। काम मिलने लगा। इलेक्शन में या सेंट्रल मिनिस्टर वगैरह आते तो डिमांड बढ़ी। आज उनके पास 4 हेलिकॉप्टर हैं।
अजय बताते हैं ज्यादा खुशी उस दिन मिली जब उन्हें छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित एरिया में सेवाएं देने के लिए चुना गया। 8-8 घंटे दफ्तरों के बाहर बारी का इंतजार किया। कई बार हमारी फाइल रिजेक्ट हुई। छत्तीसगढ़ में भारतीय पायलट यह कहकर छोड़ गया कि जान नहीं देनी। फिर ऑस्ट्रेलिया के आर्मी से रिटायर्ड कैप्टन ने जिम्मा संभाला।
अजयवीर बताते हैं कि अब तो संवेदनशील एरिया में सर्च के लिए सीआरपीएफ भी सेवाएं लेती है। आरबीआई के कुछ ऑपरेशन में उनकी कंपनी हायर की जा चुकी है। 2012 में नॉर्थ इंडिया में 15000 किलोमीटर एरिया में जापान की कंपनी से मिलकर हाइटेंशन वायर में गड़बड़ी ढूंढ़ने का सर्वे भी बखूबी कर चुके हैं।
फैमिली के बारे में अजय कहते हैं कि वह सदा अनुशासनहीन रहे हैं। शादी के बाद वाइफ जिनिया सिंह ने संभाला। वह न होती तो काम पर फोकस न कर पाते। उनकी दो बेटियां हैं- 7 साल की बाणी सुखअमृत कौर और 4 साल की अमरीन अमृत कौर। पिता इकबाल सिंह लालपुरा पुलिस में रहे हैं। मम्मी हरदीप कौर हाउस वाइफ है। वह फैमिली के साथ दिल्ली में रहते हैं पर महीने में गांव जरूर आते हैं।
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