आज भी देश में ट्रांसजेंडरों को देखकर मुंह घुमा लिया जाता है। उनका मजाक बनाया जाता है लेकिन अगर हौसलें मजबूत हों तो कोई भी इंसान अपने साथ हो रहे मजाक को न देखते हुए सफलताओं के कदम चूमने की तैयारी करता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बंगलूरु की अक्काई पद्मशाली ने।
सेक्सुयल माइनॉरिटी एक्टिविस्ट और ऑनडेड की सह संस्थापक अक्काई पद्मशाली देश की पहली ट्रांसजेंडर है जिसे डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। अब वह लोगों के लिए डॉ. अक्काई पद्मशाली बन गई है।
अक्काई पद्मशाली मर्द से औरत में तब्दील हुई है। उसे इस डॉक्टरेट की उपाधि को हासिल करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी है। इससे भी ज्यादा उसे इस समाज का सामना करना पड़ा है जिसने उसे हर कदम पर चोंट पहुंचाई है। मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी अक्काई को 10 वी के बाद अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। उसके साथ जेंडर को लेकर भेदभाव किया जाता था। उसने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ट्रांसजेंडर सेक्स वर्कर का भी काम किया।
अक्काई ने सेक्सयुल माइनॉरिटी के लिए भी आवाज उठाई है। उसे भारतीय विद्या भवन में इंडियन वरचुअल यूनिवर्सिटी फॉर पीस एंड एजुकेशन ने डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया है।
अक्काई ने सेक्सयुल माइनॉरिटी के लिए भी आवाज उठाई है। उसे भारतीय विद्या भवन में इंडियन वरचुअल यूनिवर्सिटी फॉर पीस एंड एजुकेशन ने डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया है।
अक्काई का कहना है कि यहां उनकी जिम्मेदारियां खत्म नहीं होती बल्कि समाज के प्रति ज्यादा जिम्मेदारियां शुरू होती हैं। वो ट्रांसजेंडर लोगों के लिए बहुत कुछ करना चाहती हैं। 2012 में अक्काई को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर के शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया था। 2013 में उसने एक कम्युनिटी रेडियो में भी काम किया जिसमें महिलाओं, सेक्सुयल माइनॉरिटी और सेक्स वर्करों को मजबूत बनाने पर कार्यक्रम प्रसारित किए जाते थे।
2014 में वह ऑनडेड नामक एक संस्थान की सह-संस्थापक बनी जो देश में बच्चों, महिलाओं और सेक्सुयल माइनॉरिटियों के अधिकारों को लेकर काम करती है।
पद्मशाली पहली ट्रांसजेंडर महिला है जिसे इंटरनेशनल बार एसोसिएशन ने अक्टूबर 2014 में जापान के टोकियो में आयोजित सोशल एंड लीगल स्टेटस ऑफ माइनॉरिटीज के नेशनल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के लिए बुलाया था।
2014 में वह ऑनडेड नामक एक संस्थान की सह-संस्थापक बनी जो देश में बच्चों, महिलाओं और सेक्सुयल माइनॉरिटियों के अधिकारों को लेकर काम करती है।
पद्मशाली पहली ट्रांसजेंडर महिला है जिसे इंटरनेशनल बार एसोसिएशन ने अक्टूबर 2014 में जापान के टोकियो में आयोजित सोशल एंड लीगल स्टेटस ऑफ माइनॉरिटीज के नेशनल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के लिए बुलाया था।
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