यदि कुंडली में मंगल का दोष हो तो शादी के समय ध्यान रखें ये बातें
कुंडली का मांगलिक दोष एक ऐसा योग है, जिससे व्यक्ति को अतिरिक्त ऊर्जा प्राप्त होती है। ये लोग अपनी बात के पक्के होते हैं। अपने लक्ष्य को किसी भी तरह पाना चाहते हैं। मंगल के गुण होने के कारण ये लोग जोखिमभरे काम भी करने में डरते नहीं हैं।
कुंडली में मंगल योग होना, किसी भी व्यक्ति के लिए हमेशा अमंगलकारी नहीं होता है, इस योग की वजह से कई बार सुख और विशेष कार्यों में सफलता भी मिलती है।
मंगल के संबंध में शास्त्रों में लिखा है कि कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में मंगल होने पर मंगल दोष बनता है।
मंगली दोष वैवाहिक जीवन को काफी प्रभावित करता है। इसकी वजह से विवाह में विघ्न, विलम्ब जैसी परेशानियां आती हैं। विवाह के बाद पति या पत्नी को शारीरिक कष्ट हो सकता है। आर्थिक परेशानियां हो सकती हैं। पति-पत्नी के बीच मन मुटाव, वाद-विवाद होता रहता है। इन अशुभ फलों से बचने के लिए मंगली व्यक्ति का विवाह किसी मंगली से ही करवाना चाहिए। अन्यथा इस प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं।
मंगल के प्रभाव से व्यक्ति आकर्षक, तेजस्वी और चिड़चिड़े स्वाभाव वाला होता है। समस्याओं से लड़ने की विशेष शक्ति रहती है। व्यक्ति समस्याओं में घिरे होने के बावजूद धैर्य नहीं छोड़ता है।
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