राजनीति का चस्का अच्छे-अच्छों का इमान बदल देता है. फायदा और ओहदा देखकर कोई भी कुछ भी करने को तैयार हो जाता है. लेकिन ये बात भी नहीं कि सभी ऐसी ही सोच रखते हैं. कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जो किसी भी क़ीमत पर अपनी ड्यूटी और पद की प्रतिष्ठा से समझौता नहीं करते. वे अपनी ईमानदारी की मिसाल कायम कर समाज में एक बेहतर संदेश देने का काम करते हैं.
बहरहाल, आपने ऐसे कई ईमानदार अफसरों के बारे में सुना होगा, जो अपनी ड्यूटी से कभी कंप्रोमाइज़ नहीं करते. उनके लिए उनकी ड्यूटी ही सबसे बड़ा धर्म होता है. वे अपने काम और राजनीति दोनों को एक-दूसरे के आस-पास भटकने नहीं देते. भारतीय प्रशासनिक अधिकारी 2007 बैच की स्वाति मीणा नायक भी ऐसे ही अधिकारियों की श्रेणी में आती हैं. तेज़-तर्रार काम करने के तरीके और निर्भिक विचारों वाली मध्यप्रदेश के खांडवा में तैनात डीएम के तौर पर स्वाति मीणा को 'नो नॉनसेंस एडमिनिस्ट्रेटर' के रूप में भी जाना जाता है.
वे अपने काम के प्रति इतनी ईमानदार हैं कि अपने काम में किसी तरह से भी 'राजनेताओं का हस्तक्षेप' और निकम्मे अधिकारियों को पसंद नहीं करती.
गौरतलब है कि स्वाति के पति तेजस्वी नायक भी ऐसे ही अफसर हैं. यहां तक कि दोनो को प्यार भी इसी वजह से हुआ था. वो अकसर अपने कामों की बदौलत समाचारों की सुर्खियों में रही हैं. स्वाति जब मध्यप्रदेश में की डीएम थी, तब उन्होंने नर्मदा के रेत और माईनिंग माफियाओं पर प्रतिबंध लगाकर खूब सुर्खियां बटोरी थी.
कहते हैं डीएम स्वाति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी फील्ड में जाकर लोगों की समस्याओं को सुनना और उसे दूर करना पसंद करती हैं. अपने पति की ही तरह नेताओं की ग़ैरवाजिब मांगों को उन्होंने कभी नहीं तवज्जो दी. वे जनता से सुनकर उनकी ज़रूरत के मुताबिक़ काम करने को तरजीह देती हैं.
दरअसल, काम के दौरान ही दोनों की मुलाकात हुई थी. उस समय स्वाति मध्यप्रदेश के सीधी में और तेजस्वी कटनी में तैनात थे. धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती बढ़ती गई और दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया. 25 मई 2014 को दोनों ने शादी रचा ली. आपको बता दें कि 1984 में जन्मीं स्वाति ने 2007 में आईएएस की परीक्षा पास की थी. इसमें उन्होंने 260वां रैंक हासिल करने के साथ सबसे कम उम्र में आईएस बनने का कीर्तिमान स्थापित किया था. तेजस्वी मूल रूप से कर्नाटक से हैं, जबकि स्वाति राजस्थान की रहने वाली हैं.
सबसे अहम बात ये है कि मूल रूप से राजस्थान के सीकर की रहने वाली स्वाति के परिवार ने देश को कई आईएएस व आरएएस दिए हैं. स्वाति को देश में सबसे कम उम्र में आईएस की परीक्षा पास करने का गौरव प्राप्त है. सच कहूं तो ऐसे ही लोगों ने अभी भी प्रशासन पर जनता के विश्वास को कायम रखा है.
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