1.8.16

नौ साल का बच्चा बना प्रोफेशनल हैकर, नामी कंपनियां मांगती हैं मदद



9-year-old CEO-cum-cyberexpert Reuben Paul

जिस उम्र में बच्चे अपने सपनों की दुनिया में ही खोए रहते हैं, इस बच्चे ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में बहुत बड़ा नाम कमाया है। 9 साल का ये बच्चा प्रोफेशनल हैकर, एप डेवलपर, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट और यहां तक कि एक गेम डेवलेपमेंट कंपनी 'प्रुडेंट गेम्स' का सी.ई.ओ भी है।

भारतीय मूल का ये बच्चा अमेरिका में रहता है और साइबर अपराधों से लोगों को बचाता है। इस बच्चे का नाम रुबेन पॉल है। जब ये बोलता है तो बड़े-बड़े दिग्गज भी इसे ध्यान से सुनते हैं। इस करिश्माई बच्चे की काबिलियत देखकर साइबर जगत भी हतप्रभ है। 

रुबेन पॉल की पूरी की पूरी सक्सेस स्टोरी पढ़ने के लिए आगे के स्लाइड पर क्लिक करें।


दूसरी कक्षा में लर्निंग एप्लिकेशन ही बना डाला

ये नौ साल का बच्चा इतना सब कुछ कैसे संभालता है, इस बाबत पूछे जाने पर रुबेन के पिता मनो पॉल बताते हैं कि ये सब करना उसका पैशन है जो बहुत छोटी उम्र में ही शुरु हो गया और अब इस पैशन को आगे बढ़ने से रोका नहीं जा सकता। 

वो बताते है कि मुझे वो दिन याद है, जब वो 5 साल का था उस समय उसने फायरविल शब्द बोला। उसके मुंह से ये शब्द सुनकर मैं आश्चर्यचकित रह गया कि इतना छोटा बच्चा आखिर इस शब्द के बारे में कैसे जानता है। तभी मनो को अपने बेटे की इस क्षेत्र में रुचि के बारे में पता चला। मनो खुद भी इसी क्षेत्र में काम करते हैं, वो सिक्युरिस्क सॉल्युशन नाम की कंपनी के सी.ई.ओ हैं।

जब रुबेन दूसरी कक्षा में थे तब उनके एक शिक्षक ने क्लास को एक लर्निंग गेम बनाने का प्रोजेक्ट दिया था। सारे बच्चे जहां हाथ से बने हुए बोर्ड और कार्ड के गेम बना कर लाए, वहीं रुबेन ने एक लर्निंग एप्लिकेशन ही बना डाला था। उसका नाम उन्होंने शुरिकेन मैथ रखा था जो बच्चों को मैथ सीखने में मदद करता है।

पूरे स्कूल में उनकी तारीफ हुई और उन्हें ये गेम एप्पल स्टोर पर पब्लिश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उसके बाद उन्होंने अपने माता-पिता की मदद से प्रुडेंट गेम्स नाम की कंपनी खोलने का निर्णय लिया। ये कंपनी इंटरटेनिंग गेम्स और एप्स बनाता है जो कि एजुकेशनल लहजे का होता है। इससे बच्चे खेलने के दौरान ही बहुत कुछ सीख सकते हैं।




वो जब बोलते हैं तो इस क्षेत्र के बड़े-बड़े दिग्गज भी उन्हें ध्यान से सुनते हैं

रुबेन बताते हैं कि अच्छी हैकिंग स्किल से आपके पास पावर आता है, और अगर आपके पास पावर आएगी तो आपको उसके लिए जिम्मेदार भी होना पड़ेगा। वो बताते हैं कि टेक्नोलॉजी के इस जमाने में जहां साइबरबुलिंग और डाटा की चोरी आम बात है, ये जरुरी है कि बच्चों को इसके बारे में जानकारी दी जाए जिससे वो खुद को इसका शिकार होने से बचा सकें।

रुबेन की इन स्किल्स के बारे में जब (ISC)2  के एक्सीक्युटिव डायरेक्टर हॉर्ड टिप्टन को पता चला तो उन्होंने इस बच्चे के टैलेंट को साइबर सिक्योरिटी एप के लिए इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। रुबेन ने अपना पहला साइबरसिक्योरिटी एप भी बना लिया है जिसका नाम क्रैकर प्रूफ है ये बच्चों को मनोरंजक और एजुकेशनल तरीके से स्ट्रॉग पासवर्ड बनाना सिखाता है। क्रेकर प्रूफ एप्पल स्टोर पर मौजूद है और रुबेन इसकी तरह और भी साइबर सिक्योरिटी एप बनाने के रास्ते पर हैं। 

रुबेन दुनिया भर के सिक्योरिटी कांफ्रेंस में हिस्सा भी लेते हैं। वो जब बोलते हैं तो इस क्षेत्र के बड़े-बड़े दिग्गज भी उन्हें ध्यान से सुनते हैं। जिस उम्र में बच्चे सिक्योरिटी से जुड़े शब्दों का मतलब भी नहीं समझते, ये बच्चा उस पर बड़े-बड़े व्याख्यान दे डालता है। रुबेन का सपना एक सफल साइबर जासूस बनने का है। वो दुनिया को साइबर अपराध से मुक्त बनाना चाहते हैं। 

कम उम्र में ही सफलता के शिखर पर पहुंचने वाले रुबिन को अमर उजाला की ओर से ढेरों शुभकामनाएं।  

उम्मीद है रुबिन की सक्सेस स्टोरी जानकर देश के करोड़ों बच्चों को आगे बढ़ने और जीवन में कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिलेगी। आपको ये कहानी कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में देना न भूलें। आप चाहें तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर भी कर सकते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कहानी से प्रेरित हो सकें।

Share this

Related Post

0 Comment to "नौ साल का बच्चा बना प्रोफेशनल हैकर, नामी कंपनियां मांगती हैं मदद"

Post a Comment