19.5.16

बिना ट्यूशन पढ़े किया कमाल, 12 वीं कक्षा में आए शत प्रतिशत अंक

भदरावथी के रहने वाले रंजन ने अपनी मेहनत के दम पर और बिना ट्यूशन पढ़े कर्नाटका स्टेट सेकेंडरी एग्जमिनेशन की 12 वीं की परीक्षा में शत प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। उन्होंने हर विषय में सौ अंक हासिल किए हैं। एसएसएलसी एग्जाम में यह मुकाम हासिल करने वाले रंजन बीएस पहले छात्र हैं। 

भदरावथी के रहने वाले रंजन ने अपनी मेहनत के दम पर और बिना ट्यूशन पढ़े कर्नाटका स्टेट सेकेंडरी एग्जमिनेशन की 12 वीं की परीक्षा में शत प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। उन्होंने हर विषय में सौ अंक हासिल किए हैं। एसएसएलसी एग्जाम में यह मुकाम हासिल करने वाले रंजन बीएस पहले छात्र हैं।


आज के इस दौर में छात्र बिना ट्यूशन और मार्गदर्शक के एग्जाम पास करने की कल्पना भी नहीं करते, टॉप करना और शत प्रतिशत अंक लाने की बात तो जाने ही दें। ऐसे दौर में इस कल्पना को यथार्थ में बदल कर दिखाया है छोटे शहर शिमोगा जिले के भदरावथी के 'रंजन बीएस' ने। 
भदरावथी के रहने वाले रंजन ने अपनी मेहनत के दम पर और बिना ट्यूशन पढ़े कर्नाटका स्टेट सेकेंडरी एग्जमिनेशन की 12 वीं की परीक्षा में शत प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। उन्होंने हर विषय में सौ अंक हासिल किए हैं। एसएसएलसी एग्जाम में यह मुकाम हासिल करने वाले रंजन बीएस पहले छात्र हैं। 

रंजन ने 625 अंकों में से 625 अंक हासिल किए हैं। जब वह रिजल्ट चेक कर रहे थे उनकी खुशी की कोई सीमा न रही जब उन्हें पता चला कि उनके शत प्रतिशत अंक आए हैं। रंजन 'पूरनापरागना हायर सेकेंडरी स्कूल' के छात्र हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अुसार रंजन ने बताया उन्होंने परीक्षा के लिए काफी मेहनत की थी और उन्हें उम्मीद दी थी कि 600 अंक के करीब उनके आएंगे। रंजन ने कहा मैं एक सब्जेक्ट की रोजाना 6 घंटे तैयारी करता था, और इसके हर पहलू को भी पढ़ता था। मैंने कभी ट्यूशन नहीं ली और न ही किसी से मार्गदर्शन लिया। पिछली परीक्षाओं के प्रशनपत्र हल करना मेरे लिए बहुत फाएदेमंद रहा।

रंजन ने कहा मेरे दोस्त परीक्षा देने के बाद चर्चा करते थे लेकिन मैंने कभी परीक्षा देने के बाद चर्चा नहीं की। मेरा मानना है एग्जाम हॉल से बाहर आने के बाद उसपर चर्चा करना फिजूल है। रंजन बीएस ने अपनी सफलता का श्रय  माता, पिता और अध्यापकों को दिया है। 

रंजन के पिता टीएस शंकरनारयण टाइल्स व्यापारी हैं और उनकी मां एसएन त्रिवेणी गृहणी हैं। रंजन के पिता ने कहा हमने परीक्षा के समय पढ़ने के लिए कभी दबाव नहीं डाला। उसके अध्यापक कक्षा में उसकी सीखने की ललक की हमेशा तारीफ किया करते हैं। नतीजे आने के बाद रंजन के दोस्तों ने उसे एपीजे अब्दुल कलाम की प्रतिमा भेंट की है।

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