जयपुर: वो पाकिस्तान से आई हिंदू लड़की है। उसने12वीं साइंस की परीक्षा के लिए जीतोड मेहनत की। 91 फीसदी मार्क्स हासिल किए। अब इस लड़की ने डॉक्टर बनने के लिए मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा के लिए फॉर्म भरना चाहा तो नागरिकता का सवाल आड़े आ गया। 17 साल की लड़की का नाम मशाल माहेश्वरी है। मशाल के माता-पिता पाकिस्तान के हैदराबाद में डॉक्टर थे। वहां उनकी बहुत अच्छी कमाई थी। एक दिन उन्हें अगवा करने की कोशिश की। किसी तरह वो बच निकल कर बच्ची का भविष्य संवारने के लिए भारत में जयपुर आ गए।
भारत आने पर शुरुआत में इस परिवार को कहीं रहने की जगह नहीं मिली। फिर माहेश्वरी समाज ने उनकी मदद की। मशाल ने दसवीं तक की पढ़ाई पाकिस्तान में ही की है। एक रिश्तेदार की मदद से मशाल का एडमिशन जयपुर के रुक्मणी बिड़ला स्कूल में करवा दिया। दो साल तक मशाल ने एक कोचिंग इस्टीट्यूट से कोचिंग ली। लेकिन मशाल को नहीं पता था कि भारत में सरकारी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में केवल भारतीय ही पढ़ सकते हैं।जब से मशाल को इस बात का पता चला वो बेहद दुखी है। मशाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को चिट्ठी भी लिखी हैं।देखना है मशाल की परेशानी का हल कब तक निकलता है।
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