दशकों पहले बिहार के एक परिवार में एक लड़की पैदा हुई थी जो शारीरिक रुप से अक्षम थी। परिवार वालों को लोगों ने सलाह दी कि ऐसी बेटी किस काम की, इसे मार डालो। लेकिन घर वालों के मन में पता नहीं क्या आया कि उन्होंने उसे मारा नहीं। बच्ची बड़ी हुई और टीचर बनी। आज वही बच्ची छोटे बच्चों को पढ़ाती है। उसने उन सब दकियानूसी सोच वालों के गाल पर करारा तमाचा जड़ा है जो लड़कियों को हर मामले में कमजोर मानते हैं।
बसंती कुमारी नाम की इस लड़की के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं थे इस वजह से उसके घर वालों ने उसे स्कूल भेजना भी मुनासिब नहीं समझा। उसने अपनी मां से पढ़ने के लिए बहुत मिन्नतें की, तब जाकर उनकी मां ने 6 साल की उम्र में उन्हें स्कूल भेजा। पहले तो बसंती को पढ़ाई में समस्या आती थी लेकिन कुछ ही दिनों में बसंती ने अपने पैरों से लिखना सीख लिया।
वो बताती हैं कि जब शिक्षक के रुप में उनका चयन हुआ था जब ब्लैकबोर्ड पर लिखना उनके लिए चैलेंज बन गया था। लेकिन प्रैक्टिस और संतुलन के दम पर उन्होंने वो भी सीख लिया। ब्लैकबोर्ड पर लिखने के अलावा बच्चों की कॉपियां भी वो पैरों से ही चेक करती हैं।
आपको इनकी कहानी कैसी लगी? आप कमेंट के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचा सकते हैं। आप चाहें तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर भी कर सकते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इनकी कहानी से प्रेरित हो सकें।
0 Comment to "पैरों से लिखने वाली अनोखी टीचर, इसे देख करेंगे सैल्यूट"
Post a Comment