क्षित प्रधान ने गन्ने तथा नारियल जटा जैसी सामग्रियों को इकठ्ठा कर, पानी को शुद्ध करने का एक ऐसा यन्त्र तैयार किया है जिसे कई लोग कम कीमत पर खरीद पायेंगे।
जल शुद्धिकरण यंत्र ( Water Purifier) , आज हर घर की ज़रूरत है। पर इस ज़रूरी चीज़ की कीमत इतनी ज्यादा है कि ये अक्सर आम लोगों की पहुँच के बाहर होती है। इसके अलावा वैज्ञानिक रूप से भी अभी तक यह सिद्ध नहीं हो पाया है कि विपरीत परासरण (Reverse Osmosis) जैसी प्रणाली पानी में मैजूद आवश्यक खनिज पदार्थो को नष्ट किये बिना उसे शुद्ध कर रही है। ऐसे ही कारणों से कई घरो में आज भी दुकानों से पानी की बोतले पहुंचाई जाती है जिसकी विश्वसनीयता पर और भी अधिक सवाल खड़े होते हैं।
बी एम एस कॉलेज, बंगलुरु से एम्. टेक (M.tech) कर रहे छात्र, रक्षित प्रभाकरन ने इस समस्या का हल ढूंढ निकाला है। बचपन से ही जिज्ञासु रहे रक्षित ने छठी कक्षा से ही नए यंत्रो और उपकरणों का आविष्कार करना शुरू कर दिया था। इस बार उन्होंने सोचा कि कोई ऐसी चीज़ बनायी जाए जिससे आम लोगो को भी फायदा हो।
बंगलूरू आजकल ख़ास तौर पर दो समस्याओं से जूझ रहा है- एक पानी की समस्या और दूसरा कचरे की। रक्षित ने दोनों का उपाय खोजने का सोचा।
Photo Credit: Deccan Chronicle
रक्षित ने बंगलुरु के विभिन्न हिस्सों से पानी की जांच की।
वे बताते हैं, ” पानी में तीन तरह के प्रदूषक हैं – रंग, भारी धातु और सूक्ष्म जीव। मैंने सोचा कि एक ऐसा प्यूरीफायर बनाया जाए जो इन प्रदूषको को हटाने के साथ साथ पानी में मौजूद आवश्यक खनिज को बना रहने दे ।”
रक्षित के लिए इस प्यूरीफायर की कीमत को कम रखना सबसे ज़रूरी पहलु था। वे एक और महंगा यंत्र नहीं बनाना चाहते थे क्यूंकि उनका मकसद ही आम जनता तक साफ़ पानी पहुँचाना था।
इसके लिए रक्षित ने ऐसी चीजों को ढूँढना शुरू किया जो आसानी से मिलने के साथ ही सस्ती भी हों।अपने शोध के आधार पर इनकी खोज दो वस्तुओं पर आ कर रुकी – गन्ने की खोयी और नारियल – जटा या काथी।
गन्ने की खोयी बेकार होने के कारण मुफ्त में मिल जाती है और नारियल जटा को भी कम दाम में आसानी से ख़रीदा जा सकता है। रक्षित ने इन्ही दो चीजों का उपयोग करके एक जल शुद्धिकरण यन्त्र का निर्माण किया। इस प्यूरीफायर को बनाने के लिए बाकि ज़रूरी भाग भी सस्ते में मिल गए । इन सब को जोड़ कर रक्षित ने सिर्फ रु.1500 में ऐसा प्यूरीफायर बनाया जिसकी कीमत आम तौर पर दुकानों में रु.8000 से भी ज्यादा होती है!
अलग अलग पानी को इस प्यूरीफायर द्वारा जांचा गया। इसके द्वारा साफ़ किये हुए पानी को बड़े लैब में भी जांचा गया। हर प्रकार से इसके द्वारा शुद्ध किया गया पानी स्वस्थ एवं स्वच्छ पाया गया।
रक्षित ने इस प्यूरीफायर का नाम ‘जल समाधान’ रखा है। वे चाहते हैं कि पूरे देश के लोगो को इसका लाभ मिले।
24 वर्षीय रक्षित कहते हैं, ” ऐसे कई लोग हैं जो वाटर प्यूरीफायर खरीदने में असक्षम है। अगर जल समाधान को गाँवों तक पहुँचाया जाए तो यह बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।”
बंगलुरु की दूसरी समस्या कचरे की है और इसपर भी रक्षित काम कर रहे है। इन्होने एक ऐसा यंत्र तैयार किया है जिस से घर-घर से निकल रहे कूड़े को जमा करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इनका यंत्र रसोईघर में निकलने वाले कूड़े को बायो गैस में बदल देगा।
विज्ञान में रूचि रखने वाले रक्षित के दिमाग में ऐसे ही और भी कई विचार हैं जिसे वे लोगो तक पहुंचाना चाहते हैं।
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