28.8.16

Mann Ki Baat: PM Narendra Modi to address the nation today

मन की बात में मोदी ने कहा- ओलिंपिक मेडल लाकर बेटियों ने देश का सिर ऊंचा किया, गोपीचंद जैसे टीचर को सैल्यूट


Mann Ki Baat: PM Narendra Modi to address the nation today


नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी रविवार को 'मन की बात' में लोगों से रूबरू हुए। सबसे पहले उन्होंने 29 अगस्त को होने वाले राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सर डोनाल्ड ब्रेडमैन के कमेंट का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा, "ओलिंपिक मेडल लाकर बेटियों ने देश का सिर ऊंचा किया। आज पुलेला गोपीचंद की चर्चा होती है। उन्होंने अच्छे शिक्षक की मिसाल कायम की है। मैं उन्हें खिलाड़ी से ज्यादा एक अच्छे शिक्षक के रूप में देखता हूं। सिखाने के उनके तरीके को सैल्यूट करता हूं।"और क्या बोले मोदी...
- मोदी ने कहा, "29 अगस्त को ध्यानचंद का जन्मदिन है। उन्होंने ओलिंपिक में गोल्ड मेडल दिलाया।"
- "एक बार एक विपक्ष के खिलाड़ी ने उन्हें हॉकी मार दी। उन्होंने तीन गोल किए और कहा- मैंने चोट का बदला गोल से दिया।"
- "हम सब ब्रेडमैन का नाम जानते हैं। एक बार ब्रेडमैन ने कहा था- 'जिस तरह मैं रन बनाता हूं, ध्यानचंद वैसे गोल मारते हैं।"
ओलिंपिक में मेडल दिलाने वाली बेटियों का जिक्र
- ‘‘क्रिकेट के बाहर भी भारत के नागरिकों में और खेलों के प्रति इतना प्यार और जागरुकता है। मेरे लिए यह संदेश पढ़ना भी अपने आप में एक प्रेरणा का काम बन गया। एक शख्स ने लिखा है कि कृपया इस बार मन की बात में बेटियों की शिक्षा और खेलों में उनकी भागीदारी पर जरूर बोलिए। श्रीमान सचिन ने लिखा है कि इस बार सिंधु, साक्षी, दीपा 
हमें पदक बेटियों ने दिलाए।’’
- ‘‘बेटियां किसी भी तरह से किसी से भी कम नहीं हैं। इन बेटियों में से एक उत्तर भारत, एक दक्षिण भारत, एक पूर्व भारत से है। ऐसा लगता है कि पूरे देश की बेटियों ने भारत का सिर उठाने का बीड़ा ले लिया है। हमें खेलों में लंबा सफर तय करने की जरूरत है। माता-पिता आज भी एकेडमिक्स पर जोर देते हैं। खेल को समाज में आज भी वक्त की बर्बादी माना जाता है।’’
- ‘‘इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हमारी आशा के अनुरूप हम प्रदर्शन नहीं कर पाए। खेलों में हम आगे नहीं पहुंच पाए। पदक न मिलने के बावजूद भी जरा गौर से देखें तो पाएंगे तो कई विषयों में भारत के खिलाड़ियों ने अच्छा काम किया है।’’
- ‘‘शूटिंग में अभिनव बिंद्राजी चौथे स्थान पर रहे। दीपा कर्माकर भी कुछ ही प्वाइंट में मेडल से चूक गईं। लेकिन जिमनास्टिक में ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली बेटी हैं। सानिया-बोपन्ना भी अच्छा खेले। 32 साल में पहली बार ललिता बाबर ने ट्रैक एंड फील्ड फाइनल्स में भारत को एंट्री दिलाई।’’
- ‘‘36 साल बाद महिला हॉकी टीम ओलिंपिक तक पहुंची। मैन्स हॉकी में भी ऐसा ही हुआ। हमारी टीम काफी मजबूत है। मजेदार बात यह है कि गोल्ड जीतने वाली अर्जेंटीना एक ही मैच हारी, हराने वाले भारत के खिलाड़ी थे। बॉक्सिंग में विकास यादव क्वार्टर फाइनल में पहुंचे। अदिति अशोक, दत्तू भोकानल, अतनु दास का प्रदर्शन अच्छा रहा।’’
- ‘‘हमें बहुत कुछ करना है। मैंने एक कमेटी की घोषणा की है। भारत सरकार इसकी गहराई में जाएगी। दुनिया में कैसे प्रैक्टिस हो रही है। इसका अध्ययन करेगी। 2020, 2024, 2028 की सोच के साथ योजना बनाएंगे। राज्य सरकारों से भी आग्रह करता हूं कि आप भी ऐसी कमेटियां बनाएं। हम क्या कर सकते हैं, ये देखें। राज्य पसंद करे तो क्या ताकत दिखा जा सकता है।’’
शिक्षक के बारे में क्या बोले मोदी
- "5 सितंबर को शिक्षक दिवस है। पहले मैं एक स्टूडेंट के तौर पर शिक्षकों के साथ काफी समय बिताता था।" 
- "शिक्षक का स्थान मां के बराबर है। इस दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस है। वे राष्ट्रपति बनने के बाद भी शिक्षक के तौर पर काम करते रहे। कहते थे कि एक अच्छा शिक्षक वही है जिसके अंदर का स्टूडेंट कभी मरता नहीं।" 
- ‘‘आज भी हर महीने मेरे शिक्षक की एक चिट्ठी आती है। वे 90 साल के हैं। महीनेभर में मैंने क्या किया। मैंने ठीक किया या नहीं किया। जैसे क्लास में पढ़ाते थे, वैसे ही आज वे मुझे एक तरह का करसपॉन्डेंस कोर्स करा रहे हैं। मेरे अक्षर खराब हैं। लेकिन मेरे शिक्षक 90 साल की उम्र में सुंदर हैंडराइटिंग में लिखते हैं।’’
- ‘‘आज पुलेला गोपीचंद की चर्चा होती है। उन्होंने अच्छे शिक्षक की मिसाल कायम की है। मैं उन्हें खिलाड़ी से ज्यादा एक अच्छे शिक्षक के रूप में देखता हूं। सिखाने के उनके तरीके को सैल्यूट करता हूं।’’ 
तिलक का जिक्र किया
‘‘गणेशोत्सव की बात करते हैं तो लोकमान्य तिलकजी की बात आना स्वाभाविक है। सार्वजनिक गणेशोत्सव उन्हीं की देन है। उन्होंने इसे समाज संस्कार, राष्ट्रीय जागरण का पर्व बना दिया। आज हिंदुस्तान के हर कोने में सार्वजनिक गणेशोत्सव करने लगे हैं। इसके जरिए वे लोक शिक्षा का बड़ा अभियान भी चला रहा हैं। लोकमान्य जी ने स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार का प्रेरक मंत्र दिया है। अाधुनिक भारत में क्या हम सार्वजनिक गणेशोत्सव के जरिए संदेश दे सकते हैं कि सुराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है?’’
- ‘‘क्यों न हम POP की जगह मिट्टी का प्रयोग कर गणेशजी और दुर्गा की मूर्तियां बनाएं और प्रदूषण रोकें। गणेशजी विघ्नहर्ता हैं। हमें ऐसे गणेशजी नहीं बनाने चाहिए जो विघ्न करें। मैं नहीं जानता कि आप मेरी बात किस तरह लेंगे।’’
गंगा के सफाई अभियान से जुड़ें लोग
- "गंगा की सफाई में लोगों को योगदान देना चाहिए। इलाहाबाद के कई गांवों के प्रधान एक कार्यक्रम में आए थे और गंदगी नहीं करने का संकल्प लिया था।"
- "5 राज्यों की सरकारों ने गंगा सफाई के अभियान को सपोर्ट किया है।" 
- "15 अगस्त को छत्तीसगढ़ के एक स्कूल के बच्चों ने अपने परिवारों को चिट्ठियां लिखीं। और कहा कि घर में टायलेट बनवाएं। इसका पॉजिटिव रिस्पांस देखने को मिला।" 
- "कर्नाटक की मलअम्मा ने टायलेट के गांव में सत्याग्रह शुरू किया था और गांव के प्रधान ने 18 हजार की व्यवस्था कर टायलेट बनवाया।" 
- "लोगों से अपील करता हूं कि स्वच्छता की 2-3 मिनट की शॉर्ट फिल्में बनाकर सरकार को भेज दीजिए। इसके बाद प्रतियोगिता में उन्हें इनाम भी दिया जाएगा। मैं टीवी चैनलों से कहना चाहता हूं कि ऐसे वीडियो की प्रतियोगिता कराएं।"

Mann Ki Baat: PM Narendra Modi to address the nation today

तिलक का जिक्र किया
‘‘गणेशोत्सव की बात करते हैं तो लोकमान्य तिलकजी की बात आना स्वाभाविक है। सार्वजनिक गणेशोत्सव उन्हीं की देन है। उन्होंने इसे समाज संस्कार, राष्ट्रीय जागरण का पर्व बना दिया। आज हिंदुस्तान के हर कोने में सार्वजनिक गणेशोत्सव होने लगे हैं। इसके जरिए वे लोक शिक्षा का बड़ा अभियान भी चला रहा हैं। लोकमान्य जी ने स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार का प्रेरक मंत्र दिया है। अाधुनिक भारत में क्या हम सार्वजनिक गणेशोत्सव के जरिए संदेश दे सकते हैं कि सुराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है?’’
- ‘‘क्यों न हम POP की जगह मिट्टी का प्रयोग कर गणेशजी और दुर्गा की मूर्तियां बनाएं और प्रदूषण रोकें। गणेशजी विघ्नहर्ता हैं। हमें ऐसे गणेशजी नहीं बनाने चाहिए जो विघ्न करें। मैं नहीं जानता कि आप मेरी बात किस तरह लेंगे।’’
गंगा के सफाई अभियान से जुड़ें लोग

- "गंगा की सफाई में लोगों को योगदान देना चाहिए। इलाहाबाद के कई गांवों के प्रधान एक कार्यक्रम में आए थे और गंदगी नहीं करने का संकल्प लिया था।"
- "5 राज्यों की सरकारों ने गंगा सफाई के अभियान को सपोर्ट किया है।" 
- "15 अगस्त को छत्तीसगढ़ के एक स्कूल के बच्चों ने अपने परिवारों को चिट्ठियां लिखीं और कहा कि घर में टॉयलेट बनवाएं। इसका पॉजिटिव रिस्पॉन्स देखने को मिला।" 
- "कर्नाटक की मलअम्मा ने टॉयलेट के लिए गांव में सत्याग्रह शुरू किया था और गांव के प्रधान ने 18 हजार की व्यवस्था कर टॉयलेट बनवाया।" 
- "लोगों से अपील करता हूं कि स्वच्छता की 2-3 मिनट की शॉर्ट फिल्में बनाकर सरकार को भेज दीजिए। इसके बाद प्रतियोगिता में उन्हें इनाम भी दिया जाएगा। मैं टीवी चैनलों से कहना चाहता हूं कि ऐसे वीडियो की प्रतियोगिता कराएं।"

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