ये हैं 3 खास मंत्र, कर सकते हैं आपकी परेशानी का निदान
परिवार के सदस्यों के बीच यदि मतभेद हो तो आए दिन विवाद होते रहते हैं। यह मतभेद अक्सर पति-पत्नी के बीच होते हैं। कई बार इनके कारण बड़ा विवाद भी हो जाता है। इसका असर परिवार के अन्य सदस्यों पर भी पड़ता है। कई बार आप यह समझ ही नहीं पाते कि इस समस्या से कैसे छुटकारा पाएं? आपकी इस समस्या का हल नीचे लिखे कुंजिका स्त्रोत के मंत्र का नियमित जाप करने से हल हो सकती है। इस मंत्र का जाप इस प्रकार करें-
मंत्र
धां धी धू धूर्जटे: पत्नी वां वी वू वागधीश्वरी।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शा शीं शू में शुभं कुरू।।
जाप विधि
- रोज इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
- जाप लाल चन्दन की माला से करना चाहिए और पूजा के समय कालिका देवी या दुर्गाजी की तस्वीर पर लाल फूल अवश्य चढ़ाएं।
दुश्मनों से रक्षा के लिए मंत्र
जीवन में दोस्त भी होते हैं और दुश्मन भी। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके दुश्मन कहीं अधिक होते हैं। ऐसे में उन्हें हर समय दुश्मनों का डर सताता रहता है। अगर आप भी अपने दुश्मनों से परेशान हैं और चाहते हैं कि वे आपका नुकसान नहीं कर पाएं तो नीचे लिखे बगलामुखी मंत्र का विधि-विधान पूर्वक जाप करें-
मंत्र
ऊँ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय।
जिह्वाम् कीलाय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ऊँ स्वाहा।।
जाप विधि
- अमावस्या की रात करीब 11 बजे नहाकर व साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले मां बगलामुखी की पूजा करें।
- माता बगलामुखी को लाल वस्त्र, लाल सिंदूर, लाल फूल, चंदन, केसर व मिठाई अर्पित करें।
- इसके बाद एकांत में कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष के मोतियों की माला से इस मंत्र का जाप करें।
- हर अमावस्या पर इस मंत्र की 11 माला जाप करने से अति शीघ्र आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा।
- इसके बाद एकांत में कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष के मोतियों की माला से इस मंत्र का जाप करें।
- हर अमावस्या पर इस मंत्र की 11 माला जाप करने से अति शीघ्र आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा।
बीमारी दूर करने के लिए मंत्र
अपने जीवन में मनुष्य कई बार अनेक बीमारियों से ग्रसित होता है। कुछ बीमारियां जल्दी ही ठीक हो जाती हैं तो कुछ लंबे समय तक परेशान करती हैं। कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं जो इंसान को आर्थिक व मनोवैज्ञानिक तरीके से काफी नुकसान पहुंचाती हैं। उपचार के बाद भी यह बीमारियां ठीक नहीं होती।
ऐसे समय में मंत्र शक्ति के माध्यम से इन रोगों को ठीक किया जा सकता है। दुर्गा सप्तशती में ऐसे अनेक मंत्रों का वर्णन है जो हमारी समस्याओं के निदान के लिए उपयोगी है। इन मंत्रों के जप से हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो रोग का समूल नाश कर देता है। नीचे ऐसा ही एक मंत्र लिखा है जो रोग नाश के लिए अचूक माना जाता है।
ऐसे समय में मंत्र शक्ति के माध्यम से इन रोगों को ठीक किया जा सकता है। दुर्गा सप्तशती में ऐसे अनेक मंत्रों का वर्णन है जो हमारी समस्याओं के निदान के लिए उपयोगी है। इन मंत्रों के जप से हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो रोग का समूल नाश कर देता है। नीचे ऐसा ही एक मंत्र लिखा है जो रोग नाश के लिए अचूक माना जाता है।
मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा
रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।
रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।
जाप विधि
सुबह जल्दी उठकर साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले माता दुर्गा की पूजा करें। इसके बाद एकांत में कुश के आसन पर बैठकर लाल चंदन के मोतियों की माला से इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र की प्रतिदिन 5 माला जप करने से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। यदि जप का समय, स्थान, आसन, तथा माला एक ही हो तो यह मंत्र शीघ्र ही सिद्ध हो जाता है।
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